भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र

            भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र
★पृथ्वी : सतह से सतह। इसका प्रथम परीक्षण 1998 मे किया गया।
★अग्नि : सतह से सतह
★धनुष : सतह से सतह
★ब्रह्मोस : सतह से सतह पर मार करने वाली रूस के सहयोग से निर्मित ध्वनि से तेज सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी व रूस की मोस्कोवा नदी से लिया गया है। इसका प्रथम सफल परीक्षण 2001 मे किया गया। यह भी Fire & Forget पद्धति पर विकसित किया गया है।
★शौर्य : सतह से सतह
★त्रिशूल : सतह से हवा मे मार करने वाला पृक्षेपास्त्र
★आकाश : सतह से हवा
★अस्त्र : हवा से हवा
★निर्भय : सतह, समुद्र एवं हवा
★नाग : इसे ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी निर्देशित प्रक्षेपास्त्र भी कहा जाता है। इसका प्रथम सफल परीक्षण 1990 मे किया गया।
★सागरिका : यह सबमेरिन लाँच बैलिस्टिक मिसाइल है। समुद्र के भीतर से इसका पहला परीक्षण 2008 मे किया गया था।
★पृद्युम्न : यह दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र को हवा मे बहुत ही कम दूरी पर मार गिराने मे सहायक है।

अग्नि 

★ अग्नि 1 :- 700 km तक वार करने में समर्थ है इसका टेस्टिंग सफल 2002 मे हुआ था। 

★ अग्नि 2 : इसका सफल टेस्टिंग 2010 मे हुआ 2009 में यह दो बार फैल हुआ था ।  यह 2000km तक वार करने मे सक्षम है । इसमें आधुनिक navigation system भी मौजूद हैं। 

★ अग्नि 3 : यह परमाणु हतियार को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए बनाया गया या यू कहिए की हतियार को युद्ध अस्थल पर पहुँचाने के लिए इसे बनाया गया। इसका टेस्टिंग 2006 मे ही सफल हो गया लेकिन इसे बाहर नही बताया गया |  2007 और 2008 में इसका सफल parisikhan हुआ। यह 1.5 टन तक का वजन को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुँचा सकता हैं। यह 3500 km तक वार कर सकता हैं। 

★ अग्नि 4 :  यह मिसाइल काफी अत्याधुनिक है | इसका सफलतापूर्वक टेस्टिंग 2011 मे हुआ था 2010 मे कुछ technical कारणों से यह फैल हो गया था। यह 3000+km तक वार करने में सक्षम हैं । यह अग्नि के पिछले मिसाइल के अनुपात मे काफी हल्का है। यह 1000+km तक वजन को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुँचा सकती हैं। 

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