Janmashtami Pooja 2024 in hindi: जन्माष्टमी से जूरी पौराणिक कथा इन हिंदी

Janmahashtami Pooja 2024 in hindi: जन्माष्टमी पूजा से जूरी पौराणिक कथा इन हिंदी 

भगवान श्री कृष्ण अपने बाल नाटक करने  के लिए काफी प्रसिद्ध है उन्होने अपने अपने बचपन मे काफी बाल नाटकों से लोगो को आश्रय किये हैं उन्ही नाटको मे उनके जन्म दिन की लीला भी काफी महत्व पूर्ण  हैं । जैसा की आप लोग जानते होंगे की लड्डू गोपाल के जनम के समय माता देवकी और वासुदेव को कंश ने उन्होने बंदी बनाकर अपने कारागार मे बंद कर दिया था l अब सवाल आता हैं कि 

कंश ने वासुदेव और देवकी को कारागर् मे क्यू बंद कर दिया? 

कंश अपनी बहन देवकी  से बहुत जयादा प्यार करता था उन्होने अपनी बहन देवकी की शादी अपने मित्र वासुदेव से अपनी बहन की शादी बहुत धूम धाम से कराया जब बिदाई की बारी आई तो  कंश ने यह कहा की वह अपनी बहन के बिदाई मे खुद सारथी बनेगा | अब आपके मन मे यह सवाल आ रहा होगा कि 

सारथी कौन होता था? 

पीछे के समय मे यताता के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नहीं था इसके लिए पहले रथ ( घोरा ग़ारी) का उपयोग किया जाता था , घोरा ग़ारी मे लगे अश्व (घोरा) पर जो नियनत्रण रखता है और उसे अपने गन्तव्य स्थान तक पहुचाता है उसे हम सरथी कहते हैं | 

 जब कंश अपनी बहन को ले जा रहा था तब रास्ते में एक आकाशवाणी होती हैं की " ऐ मुर्ख कंश जिस देवकी को तुम आज इतने खुशी से बिदाई कर रहे हो इसी देवकी की सातवी संतान तुम्हारा वध करेगा " यह आकाशवाणी के बाद कंश ने रथ को वापस घुमाया और देवकी और वासुदेव को जेल मे बंद कर दिया  । इसके बाद वह देवकी के एक एक संतान को मारने लगा । ऐसे कर कर के वह देवकी के 6 संतान को मार दिया ।
 
अब बारी था देवकी के सातवे संतान की , देवकी और वाशुदेव ने विष्णु जी की आराधना किया और उनसे बिन्ती की की उनके सातवे संतान की वह रक्षा करे, देवकी को पिछले जनम मे वर्दान मिला था कि बिष्णु जी उनके संतान बनेंगे । श्री कृष्ण ने देवकी के कोख से जनम लिया और लीला रचे उनके जनमते ही कारगर के सभी सैनिक सो गए, श्री कृष्ण को ले के बासुदेव के नंद बाबा के यहा चले गये और उसी दिन नंद बाबा के घर माता दुर्गा ने जनम लिया था, वासुदेव ने अपने पुत्र यानी श्री कृष्ण जी को छोर् कर उनके बेटी यानी नंद बाबा के बेटी को लेकर कारगर चले गए । प्रातः काल जब कंश को पता लगा की उनकी बहन को बेटी हुई हैं तो वह बहुत खुशी हुआ क्युकी उसे लगा की उनको मारने वाला जनम ही नहीं लिया है वह खुशी खुशी कारगर पहुँचा और माता दुर्गा को देवकी के सातवे संतान समझ कर मारना चाहा लेकिन जैसे ही उसने उन्होने जमीन पर रखना चाहा वैसे ही माँ दुर्गा आसमान मे जाकर कांश को कही की  " ऐ मुर्ख कंश तुम्हें धरती पर से भेजने वाला और नगर के लोगो की रक्षा करने वाला ने जन्म ले लिया है " यह सुनकर कंश बहुत जोर से हशा और कहा कि मुझे मारने वाला आभि क्या कभी भी जन्म नही लेगा , लेकिन यह उसकी बहुत बड़ी गलती थी। कांश ने श्री कृष्ण को बहुत मारने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा अंत मे श्री कृष्ण ने कंश को उसी के अखाड़ा मे मार दिये ।

इस प्रकार उन्होने बुराई पे आचाइ की जीत दर्ज कराई ।
इसी बाल नाटक के लिए श्री कृष्ण के जन्म दिन को हम janmastmi pooja 2021 in hindi  के रूप मे मानते है 

कैसे करें भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न

भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए सभी लोगों को श्रृद्धानुसार उपवास और विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। घर में मौजूद भगवान की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र पहना कर, धूप-दीप से वंदन करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें, चंदन लगाएं। भगवान कृष्ण को दूध-दही, मक्खन विशेष पसंद हैं, ऐसे में इसका प्रसाद बनाएं और भगवान को अर्पित करें, सभी को वही प्रसाद दें।

FAQ : जन्माष्टमी 2024 इन हिन्दी  से जूरी कुछ प्रशन


जन्माष्टमी 2024 का holiday कब है? 
 26august 2024 ( सोमवार) 

कृष्ण जी का व्रत किस दिन रखा जाता है?

पौ भाद्र मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को भगवान श्रीकृष्‍ण का व्रत रखा जाता है। 


कैसे मनाएं जन्माष्टमी 2024 का पर्व? 

सुबह सुबह असनान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. पूरे दिन पानी और फल खा कर रहे और भगवान की पूजा अर्चना करे 

कृष्ण भगवान की पूजा की विधि ? 

पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करके तयार हो जाए ।
घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बिठाकर उन्हें झूले मे झुलए ।
इस दिन भगवान  लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।

पोस्ट पढ़े के लिए धन्यबाद 

Writer :- गौतम झा 
आप हमारे सोशल मिडिया  पर भी हमें फॉलो कर सकते हैं ।

READ MORE :- SHIVAJI MAHARAJ 
Previous Post Next Post